सितंबर 2025 के आखिरी हफ्तों में दुनियाभर में दर्दनिवारक दवा पैरासिटामोल को लेकर व्यापक बहस छिड़ गई थी। 23 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महिलाओं को गर्भावस्था में पैरासिटामोल न लेने की सलाह दी थी।स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने टाइलेनॉल (पैरासिटामोल के नाम से बिकने वाली दवा) में इस्तेमाल किए जाने वाले सक्रिय घटकों को ऑटिज्म से जोड़ा है जिसके आधार पर सलाह दी जा रही है कि गर्भवती महिलाओं को इस दवा से बचना चाहिए।
इस बयान के बाद से पैरासिटामोल के इस्तेमाल को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए थे। विशेषज्ञों की टीम ने व्यापक अध्ययनों के आधार पर बताया है कि गर्भावस्था में पैरासिटामोल लेने से बच्चों में ऑटिज्म या एडीएचडी जैसी बीमारी होने के खतरे के बीच कोई ठोस संबंध नहीं मिला है। डॉक्टर्स की टीम ने कहा कि हमें ये दवा खतरनाक नजर नहीं आती है।
गौरतलब है कि पैरासिटामोल वर्तमान में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली दर्द निवारक है और अकेले अमेरिका में ही लगभग आधी गर्भवती महिलाएं यह दवा लेती हैं।
बच्चों में ऑटिज्म के बढ़ते मामले और इसका कारण
वैश्विक स्तर पर आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि हाल के वर्षों में बच्चों में ऑटिज्म के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। इसके कारणों को समझने के लिए जब वैज्ञानिकों ने प्रयास किया तो कुछ रिपोर्ट्स में पता चला कि गर्भावस्था में पैरासिटामोल का इस्तेमाल करना इसका एक कारण हो सकता है। इसी क्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी इसके इस्तेमाल को लेकर अलर्ट किया था।